जब आलसी राजा ने सीखा मेहनत का असली महत्व! | Motivation Story

Motivation Story

Motivation Story :- एक बार की बात है एक राजा था वो राजा बहुत ही आलसी था और इसी वजह से उस राज्य के लोग जो थे वह अपने राजा से खुश नहीं थे क्योंकि वह राजा अपने राज्य के बारे में सोचता ही नहीं था और ना ही अपने राज्य में अच्छे काम कर रहा था | उस राजा के बस तीन ही काम थे खाना सोना और आराम करना धीरे-धीरे दरबार के सारे मंत्री भी इस बात से परेशान हो गए थे |

राजा की इस आदत की वजह से और इसी आदत की वजह से राजा का वजन इतना बढ़ गया था कि उससे भी बेड पर से उठा नहीं जा रहा था अब दुश्मन राज्य के लोग जो थे | वह भी राजा का मजाक उड़ाने लगे थे अब यही सोचते हुए एक दिन राजा को अपनी हालत देखकर शर्म आने लगी उसने सोचा ऐसे तो मैं बर्बाद हो जाऊंगा मुझे अपने आप को फिर से फिट और एक्टिव बनाना पड़ेगा |

उसने तुरंत पूरे राज्य में यह ऐलान करा दिया कि जो भी मुझे वापस पहले जैसा फिट और तंदुरुस्त कर देगा उसे मैं बहुत बड़ा इनाम दूंगा तो अब उस राज्य के सारे वेद मिलकर कोशिश करने लगे उन्होंने कई जड़ी बूटियां राजा को दी लेकिन राजा पर उन जड़ी बूटियों का कोई असर नहीं हुआ |

उल्टा उसका वजन कम होने की बजाय और बढ़ता जा रहा था तभी किसी ने राजा से कहा कि आपको इस बिस्तर से उठकर थोड़ा चलना चाहिए लेकिन राजा से बिस्तर से उठा ही नहीं जा रहा था | इसके पीछे एक वजह भी थी राजा उस बिस्तर से उठने में अपना 100 पर दे ही नहीं रहा था वह बस यह सोच रहा था कि किसी तरह कोई जड़ीबूटी खाकर मैं फिर से फिट और तंदुरुस्त हो जाऊ और इसी तरह वक्त गुजरता जा रहा था |

लेकिन राजा पर कोई असर नहीं हो रहा था तभी एक दिन उस राज्य में एक बूढ़ा संत आता है जब उसे यह बात पता चली कि राजा का वजन कम करना है और वो भी जड़ीबूटी की मदद से तो संत ने राजा के सैनिकों से कहा कि मेरे पास एक ऐसी जड़ीबूटी है | जिससे राजा का वजन कम हो जाएगा बस उन्हें खुद मेरे पास चलकर आना पड़ेगा क्योंकि मैं राजाओं के दरबार में नहीं जाता हूं और यह जड़ीबूटी तभी काम करेंगी जब मैं अपने हाथों से राजा को खिलाऊंगा |

अब सैनिकों ने राजा को यह बात बताई तो राजा खुश हो गया कि कोई तो आया जो दावे के साथ यह कह रहा है कि मेरा वजन कम कर सकता है | राजा ने कहा जल्दी उस बूढ़े संत को मेरे पास लेकर आओ तभी सैनिकों ने कहा कि महाराज वह संत राजाओं के दरबार में नहीं आते हैं | आपको खुद चलकर उनके पास जाना पड़ेगा अब यह सुनते ही राजा भड़क गया और कहा कि यह क्या मजाक है |

मैं तो तो उठ भी नहीं सकता हूं फिर मैं चलकर उनके पास कैसे जाऊंगा तभी मंत्री ने किसी तरह से राजा को समझाया और कहा महाराज यह आपके लिए आखिरी मौका है कोशिश तो करिए अब कई दिनों की कोशिश के बाद राजा ने खुद को बिस्तर से उठने के लिए मजबूर किया और सैनिकों की मदद से चलते हुए |

उस संत के घर की तरफ चल पड़ा लेकिन उस संत के घर पर पहुंचने के बाद राजा को पता चलता है कि वो संत तो बाहर गया हुआ और राजा को वह जड़ीबूटी खाने के लिए कल आना पड़ेगा | यह सुनकर राजा को गुस्सा तो बहुत आया पर वह मजबूर था और अगले दिन फिर से वह चलते हुए संत के घर पर पहुंचा |

उस बूढ़े संत ने तुरंत राजा के लिए एक जड़ीबूटी तैयार की अपने हाथ से उस पर कुछ मंत्र पढ़ते हुए राजा को खिला दिया और राजा से कहा कि आपको अगले एक महीने तक ऐसे ही मेरे पास आना पड़ेगा राजा ने मजबूरी में हामी भरी और वहां से चला गया अभी सिलसिला पूरे एक महीने तक चलता रहा

और धीरे-धीरे राजा ने यह महसूस किया कि उसका वजन अब कम होने लगा है और उसने उस संत से पूछा कि इस जड़ीबूटी का नाम क्या है और यह कैसे बनती है हमारे राज्य के जो वैद है | उनको भी इसे बनाना सिखाइए अब यह सुनने के बाद वह बूढ़ा संत कहता है |

यह कोई जड़ीबूटी नहीं है बल्कि यह तो साधा पानी है जो मैं आपको एक महीने से दे दे रहा हू राजा ये सुनकर हैरान हो गया तभी संत ने राजा से कहा कि आप मेरी किसी जड़ीबूटी से ठीक नहीं हुए हैं बल्कि आप अपनी ही वजह से ठीक हुए हैं एक महीने से जो आप यहां पर चलकर आ रहे हैं |

यह उसी का रिजल्ट है और उसी की वजह से आप तंदुरुस्त हो पाए हैं दोस्तों इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि जब तक इंसान पर किसी तरह का दबाव नहीं आता है या उसके जीवन में कोई चुनौती नहीं आती है तब तक वह अक्सर आलस में डूबा रहता है | राजा की इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि अगर उसे मजबूर ना किया जाता तो वह कभी अपने बिस्तर से उठ ही नहीं पाता इंसान तभी अपने आरामदायक दायरे से बाहर निकलता है | जब हालात उसे मजबूर करते हैं मेहनत और लगातार कोशिश ही किसी समस्या का असली समाधान होता है ना कि सिर्फ शॉर्टकट या बाहरी मदद से

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